स्‍टेम सेल के जरिये कैंसर से जंग, नतीजे हौसला बढ़ाने वाले

स्‍टेम सेल के जरिये कैंसर से जंग, नतीजे हौसला बढ़ाने वाले

सेहतराग टीम

कैंसर अब तक लाइलाज है। यदि बीमारी बढ़ जाए तो मरीज का बचना सिर्फ भगवान के हाथ में ही होता है। दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो डॉक्‍टर साफ कह देते हैं कि वो इलाज तो कर रहे हैं मगर नतीजा क्‍या होगा इस बारे में वो कुछ नहीं कह सकते।

मगर भविष्‍य में स्थिति बदल सकती है। वैज्ञानिकों ने प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं को परिपक्व टी कोशिकाओं में बदलने में सक्षम एक नई तकनीक विकसित की है जो कैंसर ट्यूमर को खत्म करने में कारगर हो सकती है।

अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस के शोधकर्ताओं ने यह तकनीक विकसित की है। यह शोध पत्रिका ‘स्टेम सेल’ में प्रकाशित हुआ है।

दरअसल टी कोशिकाएं प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाएं होती है जो संक्रमणों से लड़ती है। साथ ही उनमें कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने की क्षमता भी होती है। ऐसे में यदि किसी कैंसर मरीज में टी कोशिकाओं की संख्‍या बढ़ाने में कामयाबी मिल पाए तो कैंसर की कोशिकाओं को समाप्‍त किया जा सकता है। इसी सिद्धांत पर काम करते हुए वैज्ञानिकों ने प्‍लुरिपोटेंट स्‍टेम सेल कोशिकाओं को टी कोशिकाओं में बदलने की तकनीक पर काम किया।

शोध के अनुसार, इस तकनीक की मदद से खुद से बनने वाली प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं को जब टी कोशिकाओं में बदला जाए तो टी कोशिकाएं कैंसर के इलाज में कारगर हो सकती हैं। 

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अध्ययन एचआईवी और स्व प्रतिरक्षित बीमारियों जैसे वायरल संक्रमण के लिए टी सेल थेरेपी पर और शोध के लिए प्रेरित कर सकता है। 

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